25 March 2022 05:22 PM
जोग संजोग टाइम्स ,बीकानेर
जिले में जन्म के समय लिंगानुपात सुधारने के साथ बेटियों और महिलाओं के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध करवाने के उद्देश्य में जिले में शक्ति अभियान चलाया जाएगा।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना में देश में शून्य से छह वर्ष आयु वर्ग के एक हजार लड़कों की तुलना में 918 बेटियां थी। बीकानेर में प्रति हजार बच्चों पर यह संख्या 908 थी। इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में जन्म के समय (सेक्स रेस्यो एट बर्थ) जिले में प्रति हजार बच्चों पर 978 बेटियां थी, लेकिन इसके बाद वर्ष 2020-21 में यह संख्या 970 और वर्ष 2021-22 में और घटकर 962 हो गई।
इसी प्रकार वर्ष 2019-21 के नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे के अनुसार देश में 18-49 आयु वर्ग की 54.7 प्रतिशत महिलाएं एनिमिक रिपोर्ट हुई। इस दौरान बीकानेर में 59.4 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी पाई गई। इसी प्रकार 46.4 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं भी एनिमिक थी, जिसे बेहद चिंता का विषय माना गया। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार किशोरियों में खून की कमी के कारण उनका विकास, रोग प्रतिरोधक क्षमता और कार्यक्षमता प्रभावित हुई है।
जिला कलक्टर ने बताया कि यह दोनों विषय समाज के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से चिंताजनक हैं। इन दोनों स्थितियों में सकारात्मक सुधार हो, इसके मद्देनजर जिले में शक्ति अभियान प्रारम्भ किया जा रहा है।
जोग संजोग टाइम्स ,बीकानेर
जिले में जन्म के समय लिंगानुपात सुधारने के साथ बेटियों और महिलाओं के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध करवाने के उद्देश्य में जिले में शक्ति अभियान चलाया जाएगा।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना में देश में शून्य से छह वर्ष आयु वर्ग के एक हजार लड़कों की तुलना में 918 बेटियां थी। बीकानेर में प्रति हजार बच्चों पर यह संख्या 908 थी। इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में जन्म के समय (सेक्स रेस्यो एट बर्थ) जिले में प्रति हजार बच्चों पर 978 बेटियां थी, लेकिन इसके बाद वर्ष 2020-21 में यह संख्या 970 और वर्ष 2021-22 में और घटकर 962 हो गई।
इसी प्रकार वर्ष 2019-21 के नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे के अनुसार देश में 18-49 आयु वर्ग की 54.7 प्रतिशत महिलाएं एनिमिक रिपोर्ट हुई। इस दौरान बीकानेर में 59.4 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी पाई गई। इसी प्रकार 46.4 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं भी एनिमिक थी, जिसे बेहद चिंता का विषय माना गया। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार किशोरियों में खून की कमी के कारण उनका विकास, रोग प्रतिरोधक क्षमता और कार्यक्षमता प्रभावित हुई है।
जिला कलक्टर ने बताया कि यह दोनों विषय समाज के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से चिंताजनक हैं। इन दोनों स्थितियों में सकारात्मक सुधार हो, इसके मद्देनजर जिले में शक्ति अभियान प्रारम्भ किया जा रहा है।
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