22 June 2022 11:49 AM
जोग संजोग टाइम्स,
बच्चों-किशारों को स्मार्ट फोन दिलाना किस तरह से खतरनाक हो सकता है यह खबर ऐसे लाखों मां-बाप के लिए दस्तक है। दरअसल मोबाइल की लत के शिकार ऐसे बच्चों को वाट्सएप ग्रुपों से जोड़कर गैंगस्टर अपराध के दलदल में धकेल रहे हैं। पुलिस ने हाल ही में ऐसे 8 वाट्सएप ग्रुप खंगाले हैं, जिनमें बदमाशों ने 17 से 21 साल तक की उम्र के 500 बच्चों को जोड़ रखा है। ग्रुपों में हथियारों का प्रदर्शन करने वाले फोटो और वीडियो डाले गए हैं।
जिन्हें देखकर जोश में आने वाले बच्चों को प्रमोट करते हुए ग्रुप का एडमिन तक बना दिया जाता है। पुलिस ने हाल ही में सापू गैंग 007 नाम से एक वाट्सएप ग्रुप ट्रेस किया है, जिसका एडमिन पांचू गांव के 17 साल के एक स्कूली छात्र को बनाया हुआ था। उसके पेरेन्ट्स तक को इस बात की जानकारी नहीं थी। पुलिस ने बच्चे को माता-पिता के साथ थाने बुलाया। उसके मोबाइल से सभी ग्रुप डिलीट कराए। अब बच्चे की काउंसलिंग की जा रही हैे।
पुलिस को सोशल मीडिया ग्रुपों में मिला अपराध का चौंकाने वाला नेटवर्क
आपदा मंत्री गोविंदराम मेघवाल, उनके बेटे और बेटी को पिछले दिनों जान से मारने की धमकी मिली थी। मेघवाल से 70 लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई थी। पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग सहित चार युवकों को गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी सुनील बिश्नोई मलेशिया में बैठा है। उसे पकड़ने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस भेजा गया है। इस मामले की पड़ताल से पता चला कि आरोपियों ने लॉरेन्स बिश्नोई की सोपू गैंग 007 नाम से आठ वाट्सएप ग्रुप बना रखे थे, जिनमें अवैध हथियारों की पोस्ट और वीडियो शेयर किए जाते थे। इन ग्रुपों में बीकानेर के 21 साल तक के करीब 500 युवाओं को जोड़ रखा था। सभी स्कूल-कालेज के स्टूडेंट्स थे।
मोबाइल नंबरों के आधार पर युवाओं तक पहुंच रही साइबर सेल
आपदा मंत्री को धमकी देने के आरोप में पकड़े गए युवकों से मोबाइल बरामद हुए थे। उनमें आठ वाट्सएप ग्रुप मिले, जिनमें किशोरावस्था वाले 500 बच्चों और युवाओं को जोड़ा हुआ था। पुलिस की साइबर सेल नंबरों के आधार पर बच्चों तक पहुंच रही हैं। केस दर्ज करने के बजाय उन्हें काउंसलिंग के जरिए समझाया जा रहा है। ताकि भविष्य में ऐसे किसी ग्रुप से ना जुड़े।
आपराधिक प्रवृति के लोगों ने वाट्सएप ग्रुप बनाकर स्कूल-कॉलेज के बच्चों को एड कर रखा है। इनमें 17 से लेकर 21 साल तक के बच्चे हैं। हम एक-एक करके सभी के घरों तक जा रहे हैं। बच्चों की काउंसलिंग कराई जा रही है। ताकि उनमें अपराध की प्रवृति ना पनपे। - योगेश यादव, एसपी
बच्चों को प्यार से समझाकर काउंसलिंग कराए पेरेंट्स
डॉ. हरफूल बिश्नोई | मानोरोग विशेषज्ञ
छह से 15 साल की उम्र तक बच्चों में हार्मोनिकल चेंजेज होते हैं। इस दौरान उनका ध्यान ज्यादा रखना चाहिए। क्योंकि सोशल मीडिया पर अश्लील तस्वीरें और हथियार देखकर बच्चे दिशा भटक सकते हैं। ऑन लाइन पढ़ाई के कारण बच्चों अब सोशल मीडिया फ्रेंडली हो चुके हैं। यही वजह है कि उनमें काफी बदलाव आए हैं। ऑन लाइन गेमिंग और वेपन डिस्पले के प्रति क्रेज बढ़ा है। ऐसे में पेरेन्ट्स की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्हें बच्चों को प्यार से समझाकर उनकी काउंसलिंग करानी चाहिए। गलती पता चलने पर बच्चों को टॉर्चर करेंगे तो वह बात करने से झिझकेगा। यह उसके लिए ज्यादा नुकसानदेह साबित होगा।
जोग संजोग टाइम्स,
बच्चों-किशारों को स्मार्ट फोन दिलाना किस तरह से खतरनाक हो सकता है यह खबर ऐसे लाखों मां-बाप के लिए दस्तक है। दरअसल मोबाइल की लत के शिकार ऐसे बच्चों को वाट्सएप ग्रुपों से जोड़कर गैंगस्टर अपराध के दलदल में धकेल रहे हैं। पुलिस ने हाल ही में ऐसे 8 वाट्सएप ग्रुप खंगाले हैं, जिनमें बदमाशों ने 17 से 21 साल तक की उम्र के 500 बच्चों को जोड़ रखा है। ग्रुपों में हथियारों का प्रदर्शन करने वाले फोटो और वीडियो डाले गए हैं।
जिन्हें देखकर जोश में आने वाले बच्चों को प्रमोट करते हुए ग्रुप का एडमिन तक बना दिया जाता है। पुलिस ने हाल ही में सापू गैंग 007 नाम से एक वाट्सएप ग्रुप ट्रेस किया है, जिसका एडमिन पांचू गांव के 17 साल के एक स्कूली छात्र को बनाया हुआ था। उसके पेरेन्ट्स तक को इस बात की जानकारी नहीं थी। पुलिस ने बच्चे को माता-पिता के साथ थाने बुलाया। उसके मोबाइल से सभी ग्रुप डिलीट कराए। अब बच्चे की काउंसलिंग की जा रही हैे।
पुलिस को सोशल मीडिया ग्रुपों में मिला अपराध का चौंकाने वाला नेटवर्क
आपदा मंत्री गोविंदराम मेघवाल, उनके बेटे और बेटी को पिछले दिनों जान से मारने की धमकी मिली थी। मेघवाल से 70 लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई थी। पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग सहित चार युवकों को गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी सुनील बिश्नोई मलेशिया में बैठा है। उसे पकड़ने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस भेजा गया है। इस मामले की पड़ताल से पता चला कि आरोपियों ने लॉरेन्स बिश्नोई की सोपू गैंग 007 नाम से आठ वाट्सएप ग्रुप बना रखे थे, जिनमें अवैध हथियारों की पोस्ट और वीडियो शेयर किए जाते थे। इन ग्रुपों में बीकानेर के 21 साल तक के करीब 500 युवाओं को जोड़ रखा था। सभी स्कूल-कालेज के स्टूडेंट्स थे।
मोबाइल नंबरों के आधार पर युवाओं तक पहुंच रही साइबर सेल
आपदा मंत्री को धमकी देने के आरोप में पकड़े गए युवकों से मोबाइल बरामद हुए थे। उनमें आठ वाट्सएप ग्रुप मिले, जिनमें किशोरावस्था वाले 500 बच्चों और युवाओं को जोड़ा हुआ था। पुलिस की साइबर सेल नंबरों के आधार पर बच्चों तक पहुंच रही हैं। केस दर्ज करने के बजाय उन्हें काउंसलिंग के जरिए समझाया जा रहा है। ताकि भविष्य में ऐसे किसी ग्रुप से ना जुड़े।
आपराधिक प्रवृति के लोगों ने वाट्सएप ग्रुप बनाकर स्कूल-कॉलेज के बच्चों को एड कर रखा है। इनमें 17 से लेकर 21 साल तक के बच्चे हैं। हम एक-एक करके सभी के घरों तक जा रहे हैं। बच्चों की काउंसलिंग कराई जा रही है। ताकि उनमें अपराध की प्रवृति ना पनपे। - योगेश यादव, एसपी
बच्चों को प्यार से समझाकर काउंसलिंग कराए पेरेंट्स
डॉ. हरफूल बिश्नोई | मानोरोग विशेषज्ञ
छह से 15 साल की उम्र तक बच्चों में हार्मोनिकल चेंजेज होते हैं। इस दौरान उनका ध्यान ज्यादा रखना चाहिए। क्योंकि सोशल मीडिया पर अश्लील तस्वीरें और हथियार देखकर बच्चे दिशा भटक सकते हैं। ऑन लाइन पढ़ाई के कारण बच्चों अब सोशल मीडिया फ्रेंडली हो चुके हैं। यही वजह है कि उनमें काफी बदलाव आए हैं। ऑन लाइन गेमिंग और वेपन डिस्पले के प्रति क्रेज बढ़ा है। ऐसे में पेरेन्ट्स की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्हें बच्चों को प्यार से समझाकर उनकी काउंसलिंग करानी चाहिए। गलती पता चलने पर बच्चों को टॉर्चर करेंगे तो वह बात करने से झिझकेगा। यह उसके लिए ज्यादा नुकसानदेह साबित होगा।
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