14 November 2021 06:53 AM
जयपुर।
राजस्थान में बजरी खनन पर लगी रोक हटाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण फैसले के फ़ौरन बाद राजस्थान सरकार हरकत में आ गई है। सरकार के माइंस एवं पेट्रोलियम महकमें ने अब प्रदेश की नदियों की 5 किलोमीटर खातेदारी भूमि के स्वीकृत खनन पट्टों में रवन्ना को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला लिया है। साथ ही जिला कलक्टरों और पुलिस अधीक्षकों के साथ ही खान विभाग के अधिकारियों को ज़रूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
खनन पट्टों में रवन्ना जनरेशन बंद
अतिरिक्त मुख्य सचिव, माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि नदियों की 5 किलोमीटर की दूरी में खातेदारी भूमि के समस्त स्वीकृत बजरी खनन पट्टों में तत्काल प्रभाव से रवन्ना जेनरेशन बंद कर दिया गया है। साथ ही इस तरह के सभी खनन पट्टों को सोमवार तक निरस्तीकरण आदेश जारी कर रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त शेष 23 खातेदारी खनन पट्टों में से जिन पट्टाधारकों द्वारा शर्तों की अवहेलना की गई है उन पर भी निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस माह के अंत तक ड्रोन सर्वे के भी की कार्यवाही की जाएगी।
173 खनन पट्टों में बंद हुआ काम
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि नदियों की 5 किलोमीटर दूरी के 173 खनन पट्टों मेें रवन्ना बंद होने के साथ ही खनन गतिविधियां बंद हो जाएगी। उन्होंने डिस्ट्रिक्ट सर्वे रिपोर्ट कराने के निर्देश दिए।
अब होगा वैध खनन-भंडारण-परिवहन
डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार बजरी के अवैध खनन के प्रति गंभीर है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से अब प्रदेश में बजरी का वैध खनन, भण्डारण और परिवहन हो सकेगा जिससे प्रदेशवासियोंं को बड़ी राहत मिलने की राह प्रशस्त हो गई है।
कलक्टर-एसपी को दिशा निर्देश जारी
जानकारी के अनुसार सभी जिला कलक्टरो और पुलिस अधीक्षकों और आयुक्तों को पत्र लिखकर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की पालना सुनिश्चित करने को कहा है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भी पत्र लिखकर शीघ्र कार्यवाही करने का आग्रह किया गया है। खान एवं भूविज्ञान विभाग को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
जयपुर।
राजस्थान में बजरी खनन पर लगी रोक हटाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण फैसले के फ़ौरन बाद राजस्थान सरकार हरकत में आ गई है। सरकार के माइंस एवं पेट्रोलियम महकमें ने अब प्रदेश की नदियों की 5 किलोमीटर खातेदारी भूमि के स्वीकृत खनन पट्टों में रवन्ना को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला लिया है। साथ ही जिला कलक्टरों और पुलिस अधीक्षकों के साथ ही खान विभाग के अधिकारियों को ज़रूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
खनन पट्टों में रवन्ना जनरेशन बंद
अतिरिक्त मुख्य सचिव, माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि नदियों की 5 किलोमीटर की दूरी में खातेदारी भूमि के समस्त स्वीकृत बजरी खनन पट्टों में तत्काल प्रभाव से रवन्ना जेनरेशन बंद कर दिया गया है। साथ ही इस तरह के सभी खनन पट्टों को सोमवार तक निरस्तीकरण आदेश जारी कर रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त शेष 23 खातेदारी खनन पट्टों में से जिन पट्टाधारकों द्वारा शर्तों की अवहेलना की गई है उन पर भी निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस माह के अंत तक ड्रोन सर्वे के भी की कार्यवाही की जाएगी।
173 खनन पट्टों में बंद हुआ काम
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि नदियों की 5 किलोमीटर दूरी के 173 खनन पट्टों मेें रवन्ना बंद होने के साथ ही खनन गतिविधियां बंद हो जाएगी। उन्होंने डिस्ट्रिक्ट सर्वे रिपोर्ट कराने के निर्देश दिए।
अब होगा वैध खनन-भंडारण-परिवहन
डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार बजरी के अवैध खनन के प्रति गंभीर है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से अब प्रदेश में बजरी का वैध खनन, भण्डारण और परिवहन हो सकेगा जिससे प्रदेशवासियोंं को बड़ी राहत मिलने की राह प्रशस्त हो गई है।
कलक्टर-एसपी को दिशा निर्देश जारी
जानकारी के अनुसार सभी जिला कलक्टरो और पुलिस अधीक्षकों और आयुक्तों को पत्र लिखकर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की पालना सुनिश्चित करने को कहा है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भी पत्र लिखकर शीघ्र कार्यवाही करने का आग्रह किया गया है। खान एवं भूविज्ञान विभाग को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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