28 May 2022 08:07 PM
जोग संजोग टाइम्स,
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि ‘माटी परियोजना’ के तहत आयोजित होने वाली प्रत्येक कृषक गोष्ठी में कम से कम पचास किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
जिला कलक्टर ने कहा कि किसानों को मृदा स्वास्थ्य, जैविक एवं संरक्षित खेती, फसल विविधिकरण, पशुपालन, कीट एवं व्याधि प्रबंधन सहित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से जिले में यह नवाचार किया जा रहा है। इसके तहत अब तक 221 गांवों में गोष्ठियां आयोजित हो चुकी हैं तथा 26 जून तक सभी गांवों में इनका आयोजन होना है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक किसानों को इस पहल का लाभ मिले, इसके मद्देनजर यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक गोष्ठी में कम से कम पचास किसान हों। इसके लिए प्रत्येक गोष्ठी का समय रहते प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी गांव में पर्याप्त किसान नहीं होंगे, तो उस स्थान पर इसका दोबारा आयोजन किया जाएगा।
शीघ्र करें दूसरे चरण की तैयारी
जिला कलक्टर ने कहा कि ‘माटी’ परियोजना के दूसरे चरण के तहत ग्रामीण क्षेत्र की पांचों विधानसभाओं के पांच-पांच गांवों और इन गांवों के पचास-पचास किसानों का चयन शीघ्र कर लिया जाए। प्रत्येक किसान की कृषि योग्य भूमि, मृदा की स्थिति, संसाधन, वर्तमान खेती एवं आमदनी, आय एवं उत्पादन बढ़ाने तथा परिणाम संबंधी समूचा रिकॉर्ड संधारित किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक किसान की अलग से पत्रावली बनेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में इन पचास किसानों तथा परम्परागत तरीके से खेती करने वाले पचास किसानों के आय और उत्पादन के अंतर का अध्ययन भी किया जाएगा।
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जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि ‘माटी परियोजना’ के तहत आयोजित होने वाली प्रत्येक कृषक गोष्ठी में कम से कम पचास किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
जिला कलक्टर ने कहा कि किसानों को मृदा स्वास्थ्य, जैविक एवं संरक्षित खेती, फसल विविधिकरण, पशुपालन, कीट एवं व्याधि प्रबंधन सहित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से जिले में यह नवाचार किया जा रहा है। इसके तहत अब तक 221 गांवों में गोष्ठियां आयोजित हो चुकी हैं तथा 26 जून तक सभी गांवों में इनका आयोजन होना है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक किसानों को इस पहल का लाभ मिले, इसके मद्देनजर यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक गोष्ठी में कम से कम पचास किसान हों। इसके लिए प्रत्येक गोष्ठी का समय रहते प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी गांव में पर्याप्त किसान नहीं होंगे, तो उस स्थान पर इसका दोबारा आयोजन किया जाएगा।
शीघ्र करें दूसरे चरण की तैयारी
जिला कलक्टर ने कहा कि ‘माटी’ परियोजना के दूसरे चरण के तहत ग्रामीण क्षेत्र की पांचों विधानसभाओं के पांच-पांच गांवों और इन गांवों के पचास-पचास किसानों का चयन शीघ्र कर लिया जाए। प्रत्येक किसान की कृषि योग्य भूमि, मृदा की स्थिति, संसाधन, वर्तमान खेती एवं आमदनी, आय एवं उत्पादन बढ़ाने तथा परिणाम संबंधी समूचा रिकॉर्ड संधारित किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक किसान की अलग से पत्रावली बनेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में इन पचास किसानों तथा परम्परागत तरीके से खेती करने वाले पचास किसानों के आय और उत्पादन के अंतर का अध्ययन भी किया जाएगा।
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