16 May 2022 04:10 PM
जोग संजोग टाइम्स,
खेती में लागत मूल्य घटाने और आय एवं उत्पादन बढ़ाने, किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रेरित करने के उद्देश्य के साथ जिले में 'माटी परियोजना' के तहत कृषक गोष्ठियां सोमवार से प्रारंभ हुई। जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल की पहल पर प्रारंभ इस नवाचार के पहले दिन 8 ब्लॉक क्षेत्रों के 33 गांवों में कृषि विभाग ने इन कृषक गोष्ठियों का आयोजन किया। इनमें सहायक निदेशक बीकानेर क्षेत्र में 29 और छत्तरगढ़ क्षेत्र में 4 गोष्ठियां हुई। इनमें लगभग बारह सौ किसानों ने भागीदारी निभाई।
उपनिदेशक कृषि (विस्तार) कैलाश चौधरी ने बताया कि कृषक गोष्ठियों में किसानों को फसल बीमा, मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं मृदा परीक्षण, संरक्षित खेती, जैविक खेती, फसल विविधिकरण, पशुपालन एवं समन्वित कीट-व्याधि प्रबंधन के बारे जानकारी दी गई तथा इनकी तकनीकें अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित कृषक गोष्ठियों की जानकारी माटी परियोजना के ऐप पर अपलोड कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि 26 जून तक सभी गांवों में ऐसी गोष्ठियां आयोजित की जाएंगे। आगामी गोष्ठियों में प्रत्येक क्षेत्र में कम से कम 50 किसानों की भागीदारी के निर्देश दिए गए हैं।
इसलिए करवाएं मिट्टी की जांच
चौधरी ने बताया कि कृषक गोष्ठियों में किसानों को मिट्टी की जांच से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानकारी दी गई। किसानों को मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, ऑर्गेनिक कार्बन और सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा, इनकी कमी से मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि मृदा जांच से यह पता चलता है कि मिट्टी किस फसल के लिए उपयुक्त है। साथ ही यह भी बताया गया कि किस फसल में कौनसी खाद का कितनी मात्रा में उपयोग किया जाना चाहिए, जिससे फसल उत्पादकता अच्छी रहे।
जोग संजोग टाइम्स,
खेती में लागत मूल्य घटाने और आय एवं उत्पादन बढ़ाने, किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रेरित करने के उद्देश्य के साथ जिले में 'माटी परियोजना' के तहत कृषक गोष्ठियां सोमवार से प्रारंभ हुई। जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल की पहल पर प्रारंभ इस नवाचार के पहले दिन 8 ब्लॉक क्षेत्रों के 33 गांवों में कृषि विभाग ने इन कृषक गोष्ठियों का आयोजन किया। इनमें सहायक निदेशक बीकानेर क्षेत्र में 29 और छत्तरगढ़ क्षेत्र में 4 गोष्ठियां हुई। इनमें लगभग बारह सौ किसानों ने भागीदारी निभाई।
उपनिदेशक कृषि (विस्तार) कैलाश चौधरी ने बताया कि कृषक गोष्ठियों में किसानों को फसल बीमा, मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं मृदा परीक्षण, संरक्षित खेती, जैविक खेती, फसल विविधिकरण, पशुपालन एवं समन्वित कीट-व्याधि प्रबंधन के बारे जानकारी दी गई तथा इनकी तकनीकें अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित कृषक गोष्ठियों की जानकारी माटी परियोजना के ऐप पर अपलोड कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि 26 जून तक सभी गांवों में ऐसी गोष्ठियां आयोजित की जाएंगे। आगामी गोष्ठियों में प्रत्येक क्षेत्र में कम से कम 50 किसानों की भागीदारी के निर्देश दिए गए हैं।
इसलिए करवाएं मिट्टी की जांच
चौधरी ने बताया कि कृषक गोष्ठियों में किसानों को मिट्टी की जांच से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानकारी दी गई। किसानों को मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, ऑर्गेनिक कार्बन और सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा, इनकी कमी से मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि मृदा जांच से यह पता चलता है कि मिट्टी किस फसल के लिए उपयुक्त है। साथ ही यह भी बताया गया कि किस फसल में कौनसी खाद का कितनी मात्रा में उपयोग किया जाना चाहिए, जिससे फसल उत्पादकता अच्छी रहे।
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