23 May 2021 08:46 AM
P-305 rescue: बार्ज पर तैनात 49 के मिले शव, शिवसेना ने पेट्रोलियम मंत्री को घेरा, 'इस्तीफा देंगे या तैरते शवों पर बैठ घी खाएंगे'
पी 305 के डूबने और 49 की मौत पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय पेज के जरिए ओएनजीसी और पेट्रोलियम मंत्री पर सवाल उठाए हैं। शिवसेना ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से इस्तीफे की मांग की, वहीं ओएनजीसी के खिलाफ सदोष मनुष्य वध का केस दर्ज किए जाने को कहा।
मुम्बई , ताउते तूफान के कारण बार्ज पी 305 में सवार 49 लोगों के शव अब तक बरामद हो चुके हैं जबकि 26 की तलाश जारी है। इस मामले में शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय पेज के जरिए ओएनजीसी और पेट्रोलियम मंत्री पर सवाल उठाए हैं। शिवसेना ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से इस्तीफे की मांग की। शिवसेना ने इस पूरी घटना को समुद्र में नरसंहार बताया है।
सामना के संपादकीय में शिवसेना सांसद संजय राउत ने लिखा है, 'ओएनजीसी के खिलाफ सदोष मनुष्य वध का गुनाह दाखिल किया जाए, इतनी भयंकर लापरवाही यहां बरती गई।' उन्होंने लिखा कि ताउते को लेकर मौसम वैज्ञानिकों और उपग्रहों ने चेतावनी दी थी, फिर भी ओएनजीसी ने अनदेखी की और बार्ज पर काम कर रहे 700 मजदूरों को वापस नहीं बुलाया। बार्ज डूब गया और 75 मजदूरों की मौत हो गई। 49 शव मिल गए हैं और 26 लोग लापता हैं।
P-305 rescue: बार्ज पर तैनात 49 के मिले शव, शिवसेना ने पेट्रोलियम मंत्री को घेरा, 'इस्तीफा देंगे या तैरते शवों पर बैठ घी खाएंगे'
पी 305 के डूबने और 49 की मौत पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय पेज के जरिए ओएनजीसी और पेट्रोलियम मंत्री पर सवाल उठाए हैं। शिवसेना ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से इस्तीफे की मांग की, वहीं ओएनजीसी के खिलाफ सदोष मनुष्य वध का केस दर्ज किए जाने को कहा।
मुम्बई , ताउते तूफान के कारण बार्ज पी 305 में सवार 49 लोगों के शव अब तक बरामद हो चुके हैं जबकि 26 की तलाश जारी है। इस मामले में शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय पेज के जरिए ओएनजीसी और पेट्रोलियम मंत्री पर सवाल उठाए हैं। शिवसेना ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से इस्तीफे की मांग की। शिवसेना ने इस पूरी घटना को समुद्र में नरसंहार बताया है।
सामना के संपादकीय में शिवसेना सांसद संजय राउत ने लिखा है, 'ओएनजीसी के खिलाफ सदोष मनुष्य वध का गुनाह दाखिल किया जाए, इतनी भयंकर लापरवाही यहां बरती गई।' उन्होंने लिखा कि ताउते को लेकर मौसम वैज्ञानिकों और उपग्रहों ने चेतावनी दी थी, फिर भी ओएनजीसी ने अनदेखी की और बार्ज पर काम कर रहे 700 मजदूरों को वापस नहीं बुलाया। बार्ज डूब गया और 75 मजदूरों की मौत हो गई। 49 शव मिल गए हैं और 26 लोग लापता हैं।
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