12 November 2021 09:59 AM
घटनास्थल पर कुछ इस तरह जली दो गाड़ियां और जान गंवाने वाले यात्रियों के शवों को इस तरह गठरी में बांधकर लाया गया।
जोधपुर, राजस्थान के बाड़मेर जिले के जोधपुर नेशनल हाईवे पर बुधवार को बस-ट्रेलर की जबर्दस्त भिड़ंत में 12 लोगों की मौत हो गई। भांडियावास गांव में संस्कार स्कूल के पास हुई आमने-सामने की टक्कर के बाद दोनों वाहनों में आग लग गई थी। शव जोधपुर के दो अस्पतालों में लाए गए थे। लाशें इतनी बुरी तरीके से जली हैं कि पहचानना मुश्किल है। कौन से अंग के अवशेष किसके हैं, यह भी नहीं पता चल रहा। इन्हें कपड़े के गठरियों बांधकर रखा गया है। शव के अवशेषों को अंतिम संस्कार का इंतजार करना होगा। परिजनों के डीएनए की रिपोर्ट मिलने के बाद ही गठरियां उनकों सौंपी जाएगी। ताकि विधि विधान से उनका अंतिम संस्कार हो सके।हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर पीड़ितों की मदद की।
परिवारों को समझाया शव देखने की हालत में नहीं
गुरुवार सुबह कुछ परिजन अपनों की तलाश में अस्पताल पहुंचे थे। वे एक बार शव को देखना चाहते थे। उन्हें समझाया गया कि शव देखने की स्थिति में नहीं हैं। उनके लगातार आग्रह करने के बाद मोर्च्यूरी तक ले जाया गया। वहां गठरियों को देख उनके आंसू निकल आए। बाद में उन्हें बाहर लाकर समझाया गया। फिर डीएनए सैंपल लिए गए। इन सैंपल की रिपोर्ट के बाद ही परिजनों को ये गठरियां सौंपी जाएंगी।
ये है मामला
जोधपुर-बाड़मेर सड़क मार्ग पर बुधवार को एक बस और ट्रेलर में टक्कर के बाद आग लग गई थी। बस में सवार 12 लोगों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिल पाया। उनकी मौत हो गई। इन लोगों के शव इतनी बुरी तरह से जल चुके हैं कि अब नाममात्र के अवशेष ही बचे हैं। ऐसे में इनकी पहचान भी नहीं हो पा रही है। शवों की पहचान के लिए पहुंचे परिजनों के डीएनए सैंपल लिए गए। इन सैंपलों व अवशेषों के डीएनए की सैंपल रिपोर्ट के मिलान के बाद ही पहचान हो पाएगी। पहचान होने के बाद ये शव परिजनों को सौंपे जाएंगे। कुछ मृतकों के परिजनों के डीएनए सैंपल बुधवार को लिए गए थे, कुछ के गुरुवार को लिए गए। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि शुक्रवार तक रिपोर्ट मिलने की संभावना है। इसके बाद ही इन शवों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।
घटनास्थल पर कुछ इस तरह जली दो गाड़ियां और जान गंवाने वाले यात्रियों के शवों को इस तरह गठरी में बांधकर लाया गया।
जोधपुर, राजस्थान के बाड़मेर जिले के जोधपुर नेशनल हाईवे पर बुधवार को बस-ट्रेलर की जबर्दस्त भिड़ंत में 12 लोगों की मौत हो गई। भांडियावास गांव में संस्कार स्कूल के पास हुई आमने-सामने की टक्कर के बाद दोनों वाहनों में आग लग गई थी। शव जोधपुर के दो अस्पतालों में लाए गए थे। लाशें इतनी बुरी तरीके से जली हैं कि पहचानना मुश्किल है। कौन से अंग के अवशेष किसके हैं, यह भी नहीं पता चल रहा। इन्हें कपड़े के गठरियों बांधकर रखा गया है। शव के अवशेषों को अंतिम संस्कार का इंतजार करना होगा। परिजनों के डीएनए की रिपोर्ट मिलने के बाद ही गठरियां उनकों सौंपी जाएगी। ताकि विधि विधान से उनका अंतिम संस्कार हो सके।हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर पीड़ितों की मदद की।
परिवारों को समझाया शव देखने की हालत में नहीं
गुरुवार सुबह कुछ परिजन अपनों की तलाश में अस्पताल पहुंचे थे। वे एक बार शव को देखना चाहते थे। उन्हें समझाया गया कि शव देखने की स्थिति में नहीं हैं। उनके लगातार आग्रह करने के बाद मोर्च्यूरी तक ले जाया गया। वहां गठरियों को देख उनके आंसू निकल आए। बाद में उन्हें बाहर लाकर समझाया गया। फिर डीएनए सैंपल लिए गए। इन सैंपल की रिपोर्ट के बाद ही परिजनों को ये गठरियां सौंपी जाएंगी।
ये है मामला
जोधपुर-बाड़मेर सड़क मार्ग पर बुधवार को एक बस और ट्रेलर में टक्कर के बाद आग लग गई थी। बस में सवार 12 लोगों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिल पाया। उनकी मौत हो गई। इन लोगों के शव इतनी बुरी तरह से जल चुके हैं कि अब नाममात्र के अवशेष ही बचे हैं। ऐसे में इनकी पहचान भी नहीं हो पा रही है। शवों की पहचान के लिए पहुंचे परिजनों के डीएनए सैंपल लिए गए। इन सैंपलों व अवशेषों के डीएनए की सैंपल रिपोर्ट के मिलान के बाद ही पहचान हो पाएगी। पहचान होने के बाद ये शव परिजनों को सौंपे जाएंगे। कुछ मृतकों के परिजनों के डीएनए सैंपल बुधवार को लिए गए थे, कुछ के गुरुवार को लिए गए। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि शुक्रवार तक रिपोर्ट मिलने की संभावना है। इसके बाद ही इन शवों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।
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25 December 2021 03:14 PM
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