20 February 2023 02:48 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
शिक्षा विभाग ने प्रदेश के हर गली-मोहल्ले में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल भले ही खोल दिए लेकिन प्राइवेट स्कूल्स में एडमिशन के प्रति क्रेज कम नहीं हुआ है। प्री प्राइमरी क्लासेज में फ्री एडमिशन के लिए आवेदन देखकर शिक्षा विभाग खुद हैरत में है। राज्य के 29 हजार प्राइवेट स्कूल्स में एडमिशन के लिए सवा दो लाख स्टूडेंट्स ने आठ लाख से ज्यादा सीट्स पर एडमिशन के लिए आवेदन किया है। उधर, प्राइवेट स्कूल संचालक एडमिशन करने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि शिक्षा विभाग प्री प्राइमरी क्लासेज की फीस देने के लिए तैयार नहीं है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत राज्य के प्राइवेट स्कूलों की प्री-प्राइमरी कक्षाओं में सत्र 2022-23 में प्रवेश के लिए राज्य में 2 लाख 20 हजार 257 बालक एवं बालिकाओं ने 8 लाख 49 हजार 269 सीट्स पर एडमिशन के लिए आवेदन किया है। अब जब सेशन खत्म होने के कगार पर है,ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में आवेदन विभाग के अधिकारियों के लिए चकित करने वाले हैं। राज्य के स्कूल्स में एडमिशन के लिए गार्जन ने भले ही आठ लाख 49 हजार सीट पर आवेदन किया है लेकिन उन्हें दो लाख बीस हजार सीट्स पर एडमिशन मिलेगा। दरअसल, एक स्टूडेंट ने एक से ज्यादा स्कूल्स में आवेदन किया।
आज जांच का अंतिम दिन
स्कूल में आवेदन के बाद रिपोर्टिंग करने वाले आवेदनों की प्राइवेट स्कूल सोमवार तक जांच करेगा। जांच में सही पाए जाने वाले आवेदन की सूची बनेगी। इसी आधार पर एडमिशन दिया जाएगा। पहली प्राथमिकता वार्ड के स्टूडेंट्स की होगी। अगर स्कूल में पांच सीट्स आरटीई की है और पांच या इससे कम आवेदन उस वार्ड से हैं तो सभी को एडमिशन मिलेगा। अगर सीट कम और आवेदन अधिक है तो वार्ड के स्टूडेंट्स की लॉटरी निकाली जाएगी। अगर सीट ज्यादा है और वार्ड के स्टूडेंट्स कम है तो बाहरी स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाएगा। इसके लिए भी लॉटरी निकलेगी।
इस बार सिफारिश ज्यादा
आरटीई की सीट पर एडमिशन पूरी तरह विभाग की निगरानी में होता है। स्कूल संचालक को अपने स्तर पर किसी भी स्टूडेंट को एडमिशन देने का अधिकार नहीं है। इसके बाद भी स्कूल संचालकों का कहना है कि एक स्टूडेंट के लिए पांच-दस सिफारिश आ रही है।
आगे की कार्रवाई ऐसे होगी
आवेदन पत्र अंतिम तिथि 13 फरवरी 2023 तक ऑनलाइन भरे थे। लॉटरी के बाद अभिभावको द्वारा संबंधित स्कूल में 15 से 17 फरवरी तक ऑनलाइन रिर्पोटिग की गई। ऑनलाइन रिपोर्टिंग नहीं करने वाले स्टूडेंट्स फ्री एडमिशन की दौड़ से बाहर हो गए हैं।आवेदन पत्रों की जांच स्कूल स्तर पर सोमवार तक होगी। स्कूल से फार्म रिजेक्ट होने की स्थिति में अभिभावक 24 फरवरी तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिकायत कर सकता है। प्राइवेट स्कूल संशोधित आवेदनो की पुनः जांच का कार्य 27 फरवरी तक पूर्ण करेंगे। इसके बाद राज्य स्तर पर एनआईसी द्वारा 28 फरवरी को पोर्टल पर आरटीई सीट्स का चयन किया जाएगा।
स्कूल को नहीं मिलेगी फीस
शिक्षा विभाग ने एडमिशन के लिए जारी दिशा निर्देश में साफ कर दिया है कि प्री प्राइमरी क्लासेज में एडमिशन के बाद इनके पहली क्लास में आने पर फीस देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ऐसे में प्री प्राइमरी में पढ़ाई की फीस नहीं मिलेगी। इसी से नाराज स्कूल संचालक अब अदालतों के चक्कर काट रहे हैं। प्राइवेट स्कूल्स का कहना है कि पहली से आठवीं तक के स्टूडेंट्स की फीस दी जा रही है तो इन क्लासेज की फीस भी मिलनी चाहिए।
विरोध में उतरे स्कूल संगठन
आरटीई एडमिशन की फीस का भुगतान सरकार की ओर से नहीं होने की स्थिति में प्राइवेट स्कूल संचालक विरोध कर रहे हैं। प्राइवेट एज्युकेशनल इंस्टीट्यूट प्रायोरेटी एलायंस (पैपा) के प्रदेश संयोजक गिरिराज खैरीवाल का कहना है कि अगर सरकार फीस का भुगतान नहीं करेगी, तो प्राइवेट स्कूल एडमिशन नहीं देंगे। हम ये लड़ाई अदालत तक ले जाएंगे। स्कूल के पास सीट्स ही नहीं है, जिन पर एडमिशन दिया जा सके। अगर एडमिशन देते हैं तो टीचर्स की उपलब्धता बढ़ानी होगी, जिसके लिए फीस का भुगतान करना होगा।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
शिक्षा विभाग ने प्रदेश के हर गली-मोहल्ले में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल भले ही खोल दिए लेकिन प्राइवेट स्कूल्स में एडमिशन के प्रति क्रेज कम नहीं हुआ है। प्री प्राइमरी क्लासेज में फ्री एडमिशन के लिए आवेदन देखकर शिक्षा विभाग खुद हैरत में है। राज्य के 29 हजार प्राइवेट स्कूल्स में एडमिशन के लिए सवा दो लाख स्टूडेंट्स ने आठ लाख से ज्यादा सीट्स पर एडमिशन के लिए आवेदन किया है। उधर, प्राइवेट स्कूल संचालक एडमिशन करने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि शिक्षा विभाग प्री प्राइमरी क्लासेज की फीस देने के लिए तैयार नहीं है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत राज्य के प्राइवेट स्कूलों की प्री-प्राइमरी कक्षाओं में सत्र 2022-23 में प्रवेश के लिए राज्य में 2 लाख 20 हजार 257 बालक एवं बालिकाओं ने 8 लाख 49 हजार 269 सीट्स पर एडमिशन के लिए आवेदन किया है। अब जब सेशन खत्म होने के कगार पर है,ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में आवेदन विभाग के अधिकारियों के लिए चकित करने वाले हैं। राज्य के स्कूल्स में एडमिशन के लिए गार्जन ने भले ही आठ लाख 49 हजार सीट पर आवेदन किया है लेकिन उन्हें दो लाख बीस हजार सीट्स पर एडमिशन मिलेगा। दरअसल, एक स्टूडेंट ने एक से ज्यादा स्कूल्स में आवेदन किया।
आज जांच का अंतिम दिन
स्कूल में आवेदन के बाद रिपोर्टिंग करने वाले आवेदनों की प्राइवेट स्कूल सोमवार तक जांच करेगा। जांच में सही पाए जाने वाले आवेदन की सूची बनेगी। इसी आधार पर एडमिशन दिया जाएगा। पहली प्राथमिकता वार्ड के स्टूडेंट्स की होगी। अगर स्कूल में पांच सीट्स आरटीई की है और पांच या इससे कम आवेदन उस वार्ड से हैं तो सभी को एडमिशन मिलेगा। अगर सीट कम और आवेदन अधिक है तो वार्ड के स्टूडेंट्स की लॉटरी निकाली जाएगी। अगर सीट ज्यादा है और वार्ड के स्टूडेंट्स कम है तो बाहरी स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाएगा। इसके लिए भी लॉटरी निकलेगी।
इस बार सिफारिश ज्यादा
आरटीई की सीट पर एडमिशन पूरी तरह विभाग की निगरानी में होता है। स्कूल संचालक को अपने स्तर पर किसी भी स्टूडेंट को एडमिशन देने का अधिकार नहीं है। इसके बाद भी स्कूल संचालकों का कहना है कि एक स्टूडेंट के लिए पांच-दस सिफारिश आ रही है।
आगे की कार्रवाई ऐसे होगी
आवेदन पत्र अंतिम तिथि 13 फरवरी 2023 तक ऑनलाइन भरे थे। लॉटरी के बाद अभिभावको द्वारा संबंधित स्कूल में 15 से 17 फरवरी तक ऑनलाइन रिर्पोटिग की गई। ऑनलाइन रिपोर्टिंग नहीं करने वाले स्टूडेंट्स फ्री एडमिशन की दौड़ से बाहर हो गए हैं।आवेदन पत्रों की जांच स्कूल स्तर पर सोमवार तक होगी। स्कूल से फार्म रिजेक्ट होने की स्थिति में अभिभावक 24 फरवरी तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिकायत कर सकता है। प्राइवेट स्कूल संशोधित आवेदनो की पुनः जांच का कार्य 27 फरवरी तक पूर्ण करेंगे। इसके बाद राज्य स्तर पर एनआईसी द्वारा 28 फरवरी को पोर्टल पर आरटीई सीट्स का चयन किया जाएगा।
स्कूल को नहीं मिलेगी फीस
शिक्षा विभाग ने एडमिशन के लिए जारी दिशा निर्देश में साफ कर दिया है कि प्री प्राइमरी क्लासेज में एडमिशन के बाद इनके पहली क्लास में आने पर फीस देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ऐसे में प्री प्राइमरी में पढ़ाई की फीस नहीं मिलेगी। इसी से नाराज स्कूल संचालक अब अदालतों के चक्कर काट रहे हैं। प्राइवेट स्कूल्स का कहना है कि पहली से आठवीं तक के स्टूडेंट्स की फीस दी जा रही है तो इन क्लासेज की फीस भी मिलनी चाहिए।
विरोध में उतरे स्कूल संगठन
आरटीई एडमिशन की फीस का भुगतान सरकार की ओर से नहीं होने की स्थिति में प्राइवेट स्कूल संचालक विरोध कर रहे हैं। प्राइवेट एज्युकेशनल इंस्टीट्यूट प्रायोरेटी एलायंस (पैपा) के प्रदेश संयोजक गिरिराज खैरीवाल का कहना है कि अगर सरकार फीस का भुगतान नहीं करेगी, तो प्राइवेट स्कूल एडमिशन नहीं देंगे। हम ये लड़ाई अदालत तक ले जाएंगे। स्कूल के पास सीट्स ही नहीं है, जिन पर एडमिशन दिया जा सके। अगर एडमिशन देते हैं तो टीचर्स की उपलब्धता बढ़ानी होगी, जिसके लिए फीस का भुगतान करना होगा।
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